अब तमाम स्कूली वाहनों में गति नियंत्रक यंत्र लगाएं जाएंगे। इसमें किसी
तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 31 मार्च इसकी अंतिम समय सीमा है।
इसका अनुपालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई होगी। जुर्माना भी वसूला जाएगा।
इसका
उद्देश्य स्कूली बसों से संभावित हादसों को कम करना है। इस यंत्र के लग
जाने से वाहन चालक इसकी रफ्तार नहीं बढ़ा सकेंगे। इससे बच्चें सुरक्षित
रहेंगे। इस यंत्र के लग जाने से वाहन चालक चाहकर भी गाड़ियों की स्पीड लिमिट
क्रॉस नहीं कर सकेंगे। यंत्र के लगने के बाद वाहन की अधिकतम स्पीड 40 से
अधिक नहीं होगी। जिला परिवहन पदाधिकारी, मोटरयान निरीक्षक, यातायात प्रभारी
सहित कई पदाधिकारियों की नजर इसपर रहेगी। सभी एसडीओ भी अपने क्षेत्र पर
इसबात पर नजर रखेंगे। 31 मार्च के बाद जो भी स्कूली वाहन बिना यंत्र के
मिला तो उनवाहन चालकों पर वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत
सभी स्कूल के संचालकों को पत्र लिखकर अपने स्कूल में चलने वालें वाहनों
में गति नियंत्रक संयत्र लगाने को कहा है। डीटीओ सुजीत कुमार ने बताया कि
प्रधान सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर 31 मार्च तक सभी स्कूल के बसों में
गति नियंत्रक संयंत्र लगाने को निर्देश दिया है। ऐसे में सभी स्कूल
संचालकों को इस संबंध में पत्र लिखकर वाहनों में गति नियंत्रक संयंत्र
लगाने को कहा है।
गति सीमा होगी निर्धारित : वाहनों में गतिसीमा
निर्धारित की जाएगी। तेज गति से वाहनों के परिचालन होने पर आए दिन अधिक
दुर्घटनाएं हो रही है। जानमाल की व्यापक क्षति हो रही है। तेज वाहन चलाने
वाले को क्षति से सभी को अवगत कराना है। यह एक दंडनीय अपराध भी है। गतिसीमा
का उलंघ्घन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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