PropellerAds

चैती दुर्गा पूजा के मौके पर देखिये साहरघाट में सजी माँ दुर्गा

फोटो :- साहरघाट दूर्गा मंदीर में सजा मां का दरबार
प्रखंड क्षेत्र के साहरघाट पुराना थाना भवन के पास बने दुर्गा मंदीर में बासंतीय नवरात्र अब चरम पर पहुंच चुका है. प्रतिवर्ष इस पूजा में भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालू यहां आकर विधिवत पूजा अर्चना करते हैं और माता का आशिर्वाद प्राप्त कर मनोवांक्षित मनोकामनायें प्राप्त करते है. जिससे यहां पूरे दशहरा तक भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है. बता दें कि यहां भक्तों की भीड़ लगने के साथ ही रोचक पहलू यह है कि नित्य प्रति हजारों की संख्या में महिला पुरुष शाम की महाआरती में न केवल भाग ही नही लेंतें हैं, बल्कि आरती के दौरान ये झुमझुम कर मां की आरती भी करते हैं. यूं तो कई लोंगो को मां की आरती में भाग लेने का मौका ही नही मिल पाता पर संध्याकालीन आरती के दौरान अधिकांश लोग अपना सभी आवश्यक काम छोडकर महाआरती में भाग लेना जरुरी समझते हैं. इस मंदीर के पूजारी पंडित सुबोध मिश्र ने बताया कि इस तरह यहा सब दिन संध्या के समय श्रद्धालू नांच नांच कर मां की आरती में भाग लेते देखे जा रहे हैं और यहा की मां वैष्णवी है. बलि प्रदान होने की प्रथा यहां नही रही है, जो माता वैष्णों देवी की यादें सहज ही ताजा कर देती है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस दुर्गा मंदीर की स्थापना 18 मार्च 1987 में तत्कालीन साहरघाट थाना अध्यक्ष एसएन राय ने अपने नेतृत्व में जनसहयोग के माध्यम से करवाया था. तब से अब तक यहां थाना अध्यक्ष की अध्यक्षता में विधिवत पूजा अर्चना होती रही है व हजारों लोग माता दुर्गा से मनोवांक्षित वर पाकर अपना जीवन धन्य कर चुके हैं. पूजारी श्री मिश्र ने यह भी बताया कि दुर्गापूजा के लिये बनायी गयी स्थायी समिति के पदेन अध्यक्ष साहरघाट थानाध्यक्ष होते है. वहीं बासंतीय नवरा़त्र के प्रारंभ होते ही साहरघाट बाजार के आस पास उत्सवी माहौल बन चुका है. जय माता दी व जय मा अंबे, जय जगदंबे आदि के नारों से पूरा वातावरण गुंजायमान बना हुआ है. कई लोग बताते हैं कि यहां हर मनोकामनायें पूरी होती है मां के दरबार में. बस सच्चे दिल से मां से मांगने की जरुरत है. आज तक इस दरबार से कोई भी खाली हाथ नही लौटा है.


Share on Google Plus

About Madhubani News

0 comments:

Post a Comment