मधुबनी: जयनगर अनुमंडल मुख्यालय में अवस्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अब
सिर्फ दिखावे के लिए रह गया है। वर्ष 2016 के अंत में अनुमंडल अस्पताल के
चालू हो जाने के बाद से यहां पर अब रोगियों का इलाज नहीं किया जाता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जयनगर से सिर्फ राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान का
संचालन किया जाता है। हालांकि बीच शहर में अवस्थित प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्र में रोगियों का इलाज नहीं किए जाने से शहरवासी समेत प्रखंड क्षेत्र
के लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय टीकाकरण समेत अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रम का होता है संचालन:
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जयनगर के अनुमंडल अस्पताल में स्थानांतरित हो
जाने के बाद से यहां से अब सिर्फ राष्ट्रीय कार्यक्रम का संचालन किया जाता
है।पल्स पोलियो, राष्ट्रीय टीकाकरण, मिशन इन्द्रधनुष, कालाजार, मलेरिया,
टीबी उन्मूलन हेतु चलाए जाने वाले अभियान का संचालन यहां से किया जाता है।
कार्यक्रम के संचालन के लिए विभागीय बैठक समेत अन्य कार्यों को अंजाम दिया
जाता है।
अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उपकेन्द्र कभी नहीं खुलते:
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जयनगर को भले ही अनुमंडल अस्पताल में
स्थानांतरित कर दिया गया है, लेकिन प्रखंड मुख्यालय से बाहर कोरहिया एवं
कमलावाड़ी में अवस्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र और विभिन्न
पंचायतों में अवस्थित उपकेन्द्र लोगों के लिए सफेद हाथी ही साबित हो रहा
है। हालत इतनी बदतर कि राष्ट्रीय टीकाकारण के दिन भी उपकेन्द्र या अतिरिक्त
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को नहीं खोला जाता, बल्कि अन्य जगहों से ही
टीकाकारण का संचालन कर लिया जाता है।
रेफरल अस्पताल भी बना रेफर करने वाला अस्पताल:
आमजनों को यह उम्मीद जगी थी कि अनुमंडल अस्पताल के चालू हो जाने के बाद
से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो सकेगी।
विभाग द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी के
बल पर ही चालू अनुमंडल अस्पताल में सिर्फ ओपीडी का ही संचालन हो पाता है।
संस्थागत प्रसव कार्य भी एएनएम के बल पर किसी तरह संचालित हो पाता है।
गंभीर स्थिति में प्रसव कराने आई महिला हो या अन्य गंभीर मरीज उसे रेफर कर
अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक राहत की सांस लेने में ही अपनी भलाई समझते है।
यहां एक भी महिला चिकित्सक के नहीं होने से पूरे प्रखंड क्षेत्र में
त्राहिमाम की स्थिति है।
रोगी कल्याण समिति भी कागजों पर ही हो रहा संचालन:
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के वेहतर संचालन के लिए विभागीय नियमानुसार
गठित रोगी कल्याण समिति का संचालन भी कागजों पर करके अपने कर्तव्य की इति
श्री कर ली जाती है।आमजनों को विभाग द्वारा संचालित कई योजनाओं की जानकारी
तक नहीं हो पाती है।
क्या कहते अधिकारी:
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्वास्थ्य प्रबंधक अर्चना भट्ट ने इस
बाबत पूछे जाने पर चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के कमी का रोना रोते
हुए कहा कि शीघ्र ही अनुमंडल अस्पताल में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा
उपलब्ध हो सकेगी।
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