मधुबनी: जिले में सकरी-जयनगर रेलखंड पर पांच ऐसा रेलवे क्रॉसिंग हैं जो अब
तक कई लोगों को अपनी चपेट में ले चूका है। आये दिन यहां ट्रेन की चपेट में
आने से लोगों की जान चली जाती है। कई लोगों को अपने हाथ-पैर गवाने पड़े
हैं। ये सभी घनी आबादी के बीच मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग है। मजेदार बात तो यह है कि मधुबनी रेलवे स्टेशन के पास ही बारह नंबर गुमटी भी
मानव रहित है और ये शहर के बीचोबीच है। स्थानीय लोग कई बार रेल और जिला
प्रशासन को इन मानव रहित क्रॉसिंग पर बेरियर लगवाने की गुहार लगा चुके हैं।
इतनी वारदातों के बाद भी न तो रेल प्रशासन और न ही जिला प्रशासन यहां
बेरियर लगवाने को लेकर कोई पहल करती है।
क्रॉसिंग पर 23 लोगों की गई थी जान
गौरतलब है कि करीब छह साल पहले इसी रेल लाईन पर बड़ा हादसा हुआ था। जहां मानव रहित क्रॉसिंग को पार करते समय गरीब रथ की चपेट में आने से 23 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद भी रेल प्रशासन की नींद नहीं खुली, और स्थिति जस की तस है।
गौरतलब है कि करीब छह साल पहले इसी रेल लाईन पर बड़ा हादसा हुआ था। जहां मानव रहित क्रॉसिंग को पार करते समय गरीब रथ की चपेट में आने से 23 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद भी रेल प्रशासन की नींद नहीं खुली, और स्थिति जस की तस है।
महाप्रबंधक ने कहा जल्द होगा समस्या का निदान
इस मामले पर जब पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक से पूछा गया तो उन्होंने भी माना कि मानव रहित क्रॉसिंग एक बड़ी समस्या है और रेलवे के लिए ये एक बड़ा चैलेन्ज है। हालांकि इसको लेकर डीआरएम से प्रस्ताव मांगा गया है और जल्द ही मधुबनी-जयनगर के बीच जितने भी मानव रहित क्रॉसिंग है उनमें बेरियर लगाने का काम किया जाएगा।
इस मामले पर जब पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक से पूछा गया तो उन्होंने भी माना कि मानव रहित क्रॉसिंग एक बड़ी समस्या है और रेलवे के लिए ये एक बड़ा चैलेन्ज है। हालांकि इसको लेकर डीआरएम से प्रस्ताव मांगा गया है और जल्द ही मधुबनी-जयनगर के बीच जितने भी मानव रहित क्रॉसिंग है उनमें बेरियर लगाने का काम किया जाएगा।
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