मधुबनी: एक तरफ जहां सरकार द्वारा गांव व टोले मोहल्लों में विकास के लिए
सड़कों का निर्माण कर रही है। वहीं हरलाखी प्रखंड के पौराणिक स्थल फुलहर
गिरिजा स्थान से लेकर बेनीपट्टी के उच्चैठ दुर्गा स्थान तक जाने वाली सड़क
करीब 10 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है। वर्षों पहले पीएम सड़क बनाने के लिए
फुलहर से सोनई तक केवल मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया। उसके बाद आजतक सड़क
निर्माण के लिए कहीं से कोई पहल नहीं की गई। इस सड़क के बनने के बाद फुलहर
गिरिजा स्थान से उच्चैठ स्थान तक की दूरी सुलभ हो जाएगी। इसके अलावा करीब
दो दर्जन गांवों का विकास भी हो सकती है। जिससे यहां के विभिन्न गांव व
टोले मोहल्ले मुख्य सड़क से जुड़ जाएंगे और लोगों को आवागमन की सुविधा भी मिल
सकती है। लेकिन, लोगों की नजर में सबसे ज्यादा मायूसी इस वजह से है कि इस
पौराणिक भूमि पर कई जन्मे कई विधायक, सांसद व मंत्री बने, बावजूद भी यह
भूमि विकास से कोसों दूर है। वर्तमान में इलाके के स्थानीय निवासी हरलाखी
विधायक सुधांशु शेखर हैं। इससे पहले इसी विधानसभा इलाके के लोमा गांव
निवासी शालिग्राम यादव यहां के विधायक थे। इससे पूर्व लोमा गांव के ही
रामाशीष यादव भी बेनीपट्टी विधानसभा से विधायक रहे थे। वहीं हरलाखी के
हिसार गांव निवासी रामनरेश पांडेय भी तीन बार यहां के विधायक रहे। इसके अलावा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव से भी लोगों ने इस समस्या से
अवगत कराया है। इससे पहले उमगांव निवासी डॉ. शकील अहमद भी यहां से दो बार
सांसद रह चुके हैं और यूपीए के शासनकाल में केंद्र में भी मंत्री रहे। इसके
बावजूद यहां विकास न होना लोगों में घोर निराशा का कारण बना हुआ है।
क्या कहते
हैं लोग
स्थानीय पलटू ठाकुर, रंजीत मंडल, सत्यनारायण यादव, बाबूलाल दास, दिनेश साह,
मनोज मंडल, तिरपित मुखिया सहित कई लोगों का कहना है कि मिथिला की इस धरती
पर जन्मे कई नेता विधायक, सांसद व केंद्र में मंत्री बने, इसके बावजूद यहां
की दुर्दशा उनकी नाकामी का परिचायक है। खासकर पौराणिक स्थल व सड़कों का
विकास न होना घोर चिंता का विषय है।
क्या कहते हैं संसद सदस्य
इस बाबत पूछने पर मधुबनी सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने बताया कि जल्द
ही सभी अधूरी सड़कों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। विकास कार्यों के
लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है।
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