झंझारपुर(मधुबनी): झंझारपुर रेलवे
स्टेशन बाजार से काम कर लौट रहे दरभंगा जिला के सकतपुर थाना के राजाखड़वार गांव निवासी स्व. योगेन्द्र प्रसाद के पुत्र मनोज कुमार से न सिर्फ रंगदारी मांगी गई बल्कि कुछ घंटों के लिए उसका
अपहरण भी कर लिया गया। पुलिस दबिश के बाद कथित अपहरणकर्ताओं ने लखनौर के राम
चौक के पास से उसे मुक्त कर दिया। आरएस ओपी पुलिस ने मनोज को सकुशल वापस
पहुंचाया। घटना बीती 8 अप्रैल की ही बताई
जाती है। 9 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज की गई लेकिन पुलिस भी इस मामले को छुपाए रखी। हालांकि इस पूरे प्रकरण में व्यवसाय को लेकर पैसा लेनदेन का मामला भी प्रकाश में आया है। पुलिस ने
रंगदारी का मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। इस मामले में मनोज
कुमार ने लखनौर के संतोष मिश्र, कैथिनयां के किसी अशोक झा (पिता का नाम प्राथमिकी में नहीं), कैथिनियां के ही भगवान झा, लखनौर के पवन ठाकुर एवं गोपाल मिश्र पर दस लाख रुपये
रंगदारी मांगने की प्राथमिकी दर्ज कराई है।
प्राथमिकी में कहा
गया है कि मनोज कुमार अपने एक परिचित की बाइक से झंझारपुर से अपने घर जा रहा था कि पथराही के नजदीक संतोष मिश्र एवं अशोक झा ने उसे रोककर उसका अगवा कर लिया। उसे एक टेम्पो पर बैठाकर
कोसी प्रोजेक्ट के नजदीक अशोक झा के मकान में ले जाया गया जहां पूर्व से
पवन ठाकुर एवं भगवान झा बैठे थे। उससे दस लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई और
स्टाम्प पेपर एवं सादा कागज पर उसके दस्तखत लिए गए। बाद में उसे उठाकर
लखनौर ले जाया गया जहां आरएस ओपी अध्यक्ष मदन मोहन प्रसाद ¨सहा की दबिश पर अपराधियों ने उसे राम चौक पर छोड़ा।
जहां से पुलिस ने उसे राजाखरवाड़ पहुंचाया। थानाध्यक्ष ने मनोज कुमार को पहुंचाने की बात स्वीकारी है। इस संबंध में रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू है। लखनौर के एक कथित आरोपी पवन ठाकुर ने कहा कि मनोज कुमार ईंट भठ्ठा व्यवसायी था। मनोज कुमार पर गोपाल कुमार मिश्र का लाखों रुपये बकाया है। जिस संबंध में लिखित समझौता
भी हुआ है, लेकिन मनोज कुमार पैसा नहीं देना चाहता और मामला को घुमाकर
उल्टा उनलोगों को फंसाना चाहता है। अपहरण व रंगदारी की बात को आरोपियों ने
नकारा है।
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