मधवापुर(मधुबनी): प्रखंड क्षेत्र के साहरघाट रामजानकी चौक स्थित मिथिला मेमोरियल हेल्थ केयर परिसर में डा. गिरीशदेव लाल कर्ण की अध्यक्षता में डब्लूएचओ के तत्वाधान में नीजी चिकित्सकों का एकदिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इस दौरान डब्लूएचओ के प्रधान एसएमओ डा. समवित प्रधान ने कहा कि डिप्थीरिया गलाघोेटू काली खांसी
टांसिल व सांस को प्रभावित करनेवाली एक गंभीर बिमारी है. इससे मरीजों की मौत भी हो सकती है. वहीं टेटनस एक जानलेबा बिमारी है जिससे गर्दन व शरीर में अकड़न होने लगती है. शरीर धीरे धीरे धनूषाकार में तब्दील होता जाता है. इसलिये इसे धनूषटंकार भी कहा जाता है. इससे मरीजों की जान बचानी मूश्किल होती है. इस तरह की कोई भी बिमारी के लक्षण दिखे तो निश्चित रुप से डब्लूएचओ कार्यालय को सूचना देना सुनिश्चित किया जाये, ताकि मरीजों की जान बचायी जा सके. डिप्थीरिया से बचाव के लिये शिशु को डीपीटी वैक्सीन का टीका निश्चित रुप से लगाये जाने की जरुरत है और उसके सभी खूराक लगवाने चाहिये. जबकि टेटनस से बचाव के लिये गर्भावस्था में ही गर्भवती महिलाओं को टीटी के टो टीके व शिशु को सभी टीके लगवाये जाने की जरुरत है. जागरुकता के अभाव में लोग उक्त टीके नही लगवा पाते हैं और बाद में जीवन व मौत से जू-हजयने की नौबत आ जाती है. इलाज कराने आये सभी मरीजों को इस संबंध में जागरुक करने की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने उक्त सभी बिमारियों के लक्षण और तत्काल प्राथमिक उपचार करने पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी और कहा कि ऐसे मरीज को अपने यहां अधिक देर तक न रोक कर जिला स्थित डब्लूएचओ कार्यालय को सूचना दें. मौके पर डा. प्रेम कुमार मंडल, विमल कुमार, उतम लाल राय, राघवेंद्र ठाकुर, अखिलेश राम व सियाराम राय सहित प्रखंड क्षेत्र के जगजीवन कल्याण संघ के सभी सदस्यगण भी मौजूद थे.
टांसिल व सांस को प्रभावित करनेवाली एक गंभीर बिमारी है. इससे मरीजों की मौत भी हो सकती है. वहीं टेटनस एक जानलेबा बिमारी है जिससे गर्दन व शरीर में अकड़न होने लगती है. शरीर धीरे धीरे धनूषाकार में तब्दील होता जाता है. इसलिये इसे धनूषटंकार भी कहा जाता है. इससे मरीजों की जान बचानी मूश्किल होती है. इस तरह की कोई भी बिमारी के लक्षण दिखे तो निश्चित रुप से डब्लूएचओ कार्यालय को सूचना देना सुनिश्चित किया जाये, ताकि मरीजों की जान बचायी जा सके. डिप्थीरिया से बचाव के लिये शिशु को डीपीटी वैक्सीन का टीका निश्चित रुप से लगाये जाने की जरुरत है और उसके सभी खूराक लगवाने चाहिये. जबकि टेटनस से बचाव के लिये गर्भावस्था में ही गर्भवती महिलाओं को टीटी के टो टीके व शिशु को सभी टीके लगवाये जाने की जरुरत है. जागरुकता के अभाव में लोग उक्त टीके नही लगवा पाते हैं और बाद में जीवन व मौत से जू-हजयने की नौबत आ जाती है. इलाज कराने आये सभी मरीजों को इस संबंध में जागरुक करने की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने उक्त सभी बिमारियों के लक्षण और तत्काल प्राथमिक उपचार करने पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी और कहा कि ऐसे मरीज को अपने यहां अधिक देर तक न रोक कर जिला स्थित डब्लूएचओ कार्यालय को सूचना दें. मौके पर डा. प्रेम कुमार मंडल, विमल कुमार, उतम लाल राय, राघवेंद्र ठाकुर, अखिलेश राम व सियाराम राय सहित प्रखंड क्षेत्र के जगजीवन कल्याण संघ के सभी सदस्यगण भी मौजूद थे.
0 comments:
Post a Comment