बेनीपट्टी(मधुबनी): लोक आस्था का महान पर्व छठ के अंतिम दिन शुक्रवार की सुबह उदीयमान सूर्य को निष्ठापूर्वक अर्घ्य प्रदान किया गया. इससे पुर्व गुरुवार की शाम में भी व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. इसके साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का विधिवत समापन हो गया. प्रातः कालीन अर्घ्य के उपरांत छठवर्ती अपने घर को लौट गये. नहाय-खाय के साथ शुरु हुए महापर्व का आज अंतिम दिन था. शुक्रवार की सुबह के तीन बजे से ही घाट पर छठवर्ती के आने का सिलसिला शुरु हो गया था. जो छठ घाट पर पर्व की अनुपम छटा को बिखेरने में सहभागिता देते रहे. खासकर मनोकामना पूर्ण करने के लिए दंड लगाते हुए सीधे घाट पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए लोग रास्त देते दिखे. विभिन्न छठ घाटों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से पानी की गहराई व खतनाक स्थिति के संबंध में लोगों को सतर्क किया जाता रहा. लगातार बज रहे छठ गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान व भक्तिमय बना रहा. वहीं प्रशासन महापर्व को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए गुरुवार के दोपहर से ही लगातार छठ घाटों का दौरा व जानकारी लेती रही. अनुमंडल में कंट्रोल रुम की स्थापना कर एहतियातन वहां सभी अधिकारियांे को लगाया गया था. जानकारी के अनुसार पूरे अनुमंडल प्रक्षेत्र में शांतिपूर्ण छठ का समापन हो गया. एसडीएम मुकेश रंजन, एसडीपीओ पुष्कर कुमार, सर्किल पुलिस निरीक्षक प्रवीण कुमार मिश्र व पुलिस निरीक्षक सह बेनीपट्टी एसएचओ हरेराम साह सहित अधिकारी लगातार अलग-अलग टोली बनाकर विभिन्न छठ घाटों का जाजा भी लिया और गहन निरीक्षण करते रहे. बता दें कि अनुमंडल प्रशासन की ओर से सभी छठ घाटों पर सुरक्षा के मद्देनजर पटाखा जलाने पर रोक लगायी गयी थी, बावजूद प्रक्षेत्र के अधिकतर छठ घाटों पर रोक की धज्जियां उड़ाते हुए लोगों व बच्चों के द्वारा जम कर आतिशबाजियां की गयी. वो तो गनीमत थी कि किसी भी घाट से पटाखे के कारण कोई बड़ी घटना होने की सूचना नहीं मिल पायी. वहीं घाट के आसपास पटाखा व्यवसायी के द्वारा खूलेआम पटाखा की बिक्री भी जारी रही.
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