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10 माह 11 दिन के बाद डीइओ ने खुलवाया विद्यालय में जड़े गये ताला

फोटो:- साहरघाट के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय भवगाछी में ताले खुलवाते डीइओ व आक्रोशित ग्रामीणों से वार्ता करते डीइओ राजेंद्र मिश्र व अन्य
मधवापुर: प्रखंड क्षेत्र के साहर दक्षिणी पंचायत अंतर्गत नवसृजित प्राथमिक विद्यालय भवगाछी परिसर में शनिवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेंद्र मिश्र पहुंचकर ग्रामीणों के द्वारा 10 माह 11 दिन पूर्व किये गये तालेबंदी का जायजा लिया और आक्रोशित ग्रामीणों से वार्ता कर जड़े गये ताले को खुलवाया. डीइओ श्री मिश्र ने दस दिनों के भीतर मामले की जांच करने और दोषी पर कार्रवाई सुनिश्चित किये जाने का आश्वासन देकर ताले खुलवाये. बता दें कि ग्रामीणों ने भवन निर्माण व एमडीएम मद की राशि में गवन को लेकर छात्र छात्राओं व आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यालय में तालेबंदी कर पठन पाठन स्थगित कर दिया था. ग्रामीणों का विद्यालय की एचएम मणिमाला कुमारी के द्वारा सचिव के बिना हस्ताक्षर किये फर्जीवारे तरीके से उक्त मद की लाखों की राशि निकाल कर गवन करने, विद्यालय की एचएम शिक्षा समिति के सचिव व सदस्यों के सहमति के बिना तकरीबन 5 लाख रुपये निकाले जाने, विद्यालय में शिक्षकों के आने जाने का कोई समय सीमा निर्धारित नही होने, शायद ही बच्चों की उपस्थिति बनाने, विद्यालय से जूड़े कोई भी अभिलेख विद्यालय में रखने के बजाय एचएम के द्वारा अपने घर पर रखने और फर्जी तरीके से बच्चों की उपस्थिति दर्ज कर एमडीएम योजना की राशि डकारे जाने का आरोप था. ग्रामीणों ने कहा कि कभी कभार एमडीएम बनाकर खानापूरी की जाती है. और हिसाब किताब की जानकारी मांगने पर समिति के सदस्यों को हिसाब नही देने की बात कहते हुए झूठे मूकदमें में फंसा देने की धमकी दी जाती रही है. उक्त मामले को लेकर ग्रामीणों ने विद्यालय में तालाबंदी कर विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी और आगजनी आदि कर ताले जड़ दिये थे व वरीय अधिकारियों के आने की मांग पर अड़े थे. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि एचएम की मनमानी और अनियमितता को लेकर शिक्षा समिति के सदस्यों व आम ग्रामीणों के द्वारा पूर्व में भी बीइओ, बीडीओ व अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन दिया जा चुका था, पर बावजूद जांच नही हो सकी और एचएम से मिलकर जांच करने आये अधिकारियों ने मामले को रफा दफा कर दिया. आक्रोशित ग्रामीण मामले की जांच और एचएम पर कार्रवाई सुनिश्चित होने तक विद्यालय में तालेबंदी जारी रखे जाने की जिद पर अड़े थे. इस बीच कई बार धरना प्रदर्शन सहित वरीय अधिकारियों का भी ध्यान दिलाया गया, विधानसभा में भी प्रश्न पूछे गये, विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी तालेबंदी को गंभीरता से लिया और संबंधित अधिकारियों को स्मारित कराया. बीते जनवरी 2016 में राज्य सरकार द्वारा मद्य निषेध को लेकर आयोजित मानव ऋृंखला निर्माण में भाग लेने से बहिष्कार करने की घोषणा भी और आनन फानन में बीडीओ एसएस राय, बीइओ उमेश बैठा व साहरघाट थानाध्यक्ष प्रेमलाल पासवान ने रात में जाकर लोगों से वार्ता की थी और जांव व कार्रवाई का आश्वासन देकर ऋृंखला में सहभागिता दिलावाया था, पर ऋृंखला निर्माण के समापन के बाद किसी भी अधिकारियों को कोई मतलब नही रह गया. हार थक कर ग्रामीणों ने अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय में भी अपील की थी. जिसमें समय पर उपस्थित नही होने को लेकर निवारण अधिकारी ने बीइओ पर कार्रवाई की अनुशंसा भी की थी. मौके पर शिक्षा समिति के अध्यक्ष हरिनाथ महतो, सचिव रीता देवी, अशोक महतो, विंदा महतो, अवकाश प्राप्त शिक्षक रामकिशोर ठाकुर, शिक्षक, रत्नेश्वर ठाकुर, अनिल लाल कर्ण, विरेंद्र कुमार, गोविंद कुमार, संजय राम, सुशील पंडित, नविंद्र महतो, रामवृद्वा महतो, रेणु देवी, महेश महतो, रामबाबू महतो, नीतीश कुमार, रामचंद्र महतो, गरभू महतो, रामपुकार महतो, अवधेश कुमार, रतन देवी, सावित्री देवी, कुंती देवी, रीता देवी, तिलीया देवी व देवसुंदर देवी समेत अन्य लोग भी मौजूद थे.
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