पत्रकार भी है सेनानी , जो देश से हमें मिलाते है
धूप हो या हो , सर्द की राते
कोहरा हो या भारी बरसातें
मुश्किल से न घबराते है
पत्रकार भी है सेनानी , जो देश से हमें मिलाते है
मुद्दा विकास का हो या न्याय का
सवाल जिन्दगी का हो या जीवन का
सम्मान संस्कृती का हो विचारों का
सबके लिए आवाज उठाते है
पत्रकार भी है सेनानी , जो देश से हमें मिलाते है
सच और झूठ का पता नहीं
पर कुछ तों हमें बताते है
जो कहते सामने आकर कहते
जन सवालों से न घबराते है
पत्रकार भी है सेनानी , जो देश से हमें मिलाते है
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