मधुबनी: रहिका प्रखंड मुख्यालय अवस्थित प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्र शो पीस बनकर रह गया है। कुल 2 लाख 46 हजार 753 आबादी इस स्वास्थ्य
केन्द्र से जुडा हुआ है। तकरीबन 150 रोगी नित्य इलाज कराने को यहां पहुंचते
हैं। जिसमें महिला रोगियों की संख्या अधिक रहती है। इसके बाबजूद यहां
एलोपैथ से जुडे दो चिकित्सक तैनात हैं।तीन आयुष व एक डेंटिस्ट कार्यरत हैं।
प्रसुति महिला के इलाज को ले एक भी महिला चिकित्सक की
प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है। जिससे काफी कठिनाई का सामना करना पडता है ।
खास बात यह है कि आयूष चिकित्सक के बल पर ही स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन
किया जा रहा है।राष्ट्रीय टीकाकरण, मिशन इन्द्रधनुष, मलेरिया, टीबी उन्मूलन
सहित अन्य कार्यक्रम को ले समय समय पर जागरूक्ता कार्यक्रम का संचालन आशा
ममता व एएनएम के सहारे संपन करा लिया जाता है।रोगी कल्याण समिति का गठन
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को बेहतर बनाने के लिए गठन तो किया गया, लेकिन
वह सिर्फ कागज पर ही चलता है। आमजनों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के कई
योजनाओं के बारे में जानकारी तक नहीं रहता है। इस केन्द्र के तहत तीन एडीसनल स्वास्थ्य केन्द्र व 34 सब सेंटर जुडा हुआ
है। जिसमें बलिया, मोमिनपुर, जगत कमलपुर, ककरौल, पोखरौनी, सतधारा, ईजरा,
कनैल, मलंगिया, चंद्रसेनपुर में स्पास्थ्य केन्द्र का अपना भवन है शेष या
तो समुदायिक भवन या भाड़े के मकान में चल रहा है। एलोपैथ चिकित्सक नहीं रहने
के कारण एक्सीडेंट से जुडे अधिकांश पैसेंट को सदर मधुबनी रेफर कर दिया
जाता है। स्वास्थ्य प्रवंधक प्रभात रंजन मिश्रा ने बताया कि चिकित्सकों व कर्मियो के
अलावे आधारभूत संरचना के अभाव में काम करने में काफी कठिनाई का सामना करना
पडता है। समस्या से भी विभाग को अवगत पत्राचार व मौखक समय समय पर कराया
जाता है।
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