मधुबनी: मधवापुर-साहरघाट प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क में ब्रह्मपुरी गांव से
दक्षिण धौस नदी में दो साल पूर्व बनकर तैयार पुल के दोनों तरफ एप्रोच पथ
नहीं बनाए जाने से इलाके के लोगों को आने-जाने में भारी कठिनाईयों का सामना
करना पड़ता है। इलाके के लोग जान जोखिम में डाल इस बिना एप्रोच पथ वाले पुल
को पार करते हैं। एप्रोच पथ नहीं रहने से पुल पार करने के क्रम में ज्यादे
उंचाई के कारण बाइक व साइकिल सवार आए दिन दुर्घटना के शिकार होते हैं।
विभागीय अधिकारियों की लापरवाही को लेकर इलाके के लोगों में गहरा रोष
व्याप्त है। बतातें चलें कि नेपाल-भारत सीमा को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण
मधवापुर-साहरघाट सड़क पूर्व में जिला परिषद के अधीन था। वर्ष 2010 में सरकार
के द्वारा इसे प्रधानमंत्री ग्रामीण में उत्क्रमित कर दिया और लगे हाथ
कार्य भी प्रारंभ कर दिया। जिससे इलाके के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस
महत्वपूर्ण सड़क के बन जाने से लोगों में आस जगी की मधवापुर से साहरघाट की
दूरी मात्र छह किलो मीटर हो जाएगी। और सड़क बनने से इस क्षेत्र का तेजी से
विकास होगा। सरकारी के निर्देशानुसार वर्ष 2011 में उक्त सड़क को पूर्ण हो
जाना था। परंतु इन आठ साल में संवेदक कंपनी शिव स्वाति कंस्ट्रक्शन मात्र
मधवापुर से विरीत गांव तक ही पीसीसी ढ़लाई कर पूर्ण नहीं किया। परंतु
संवेदक ने 33 करोड़ की लागत से उक्त सड़क में ब्रह्मापुरी गांव के पास
अंग्रेज जमाने के ध्वस्त लकड़ी पुल की जगह आरसीसी एवं ब्रह्मपुरी गांव से
दक्षिण धौस नदी में आरसीसी पुल का निर्माण कार्य दो वर्ष पूर्व पूर्ण तो कर
दिया परंतु दोनों पुल के दोनों तरफ पहुंच पथ नहीं बनाए जाने से इलाके के
दर्जनों गांव के लोगों को आन-जाने में काफी कठिनाई होती है। ब्रह्मापुरी
गांव के ग्रामीण सह मछुआ सोसाइटी के मंत्री नागेन्द्र सहनी, रामबाबू सहनी,
नरेश सहनी, दिनेश सहनी सहित कई लोगों ने बताया कि यदि जल्द एप्रोच पथ नहीं
बनाया गया तो इलाके के लोग सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे। इस बाबत पंचायत के मुखिया अमरेन्द्र कुमार राय ने बताया कि सीमा सड़क योजना
के तहत 20 करोड़ की लागत से धौंस नदी और 13 करोड़ की लागत से ब्रह्मापुरी
गांव से उतर दो पुल का निर्माण किया गया है। विभाग को पहुंच पथ बनाने के
लिए कई बार लिखा जा चुका है। परंतु अबतक इसका एप्रोच पथ नहीं बनाने से
इलाके के लोगों को काफी परेशानी होती है।
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