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मिथिला-नेपाल की कला-संस्कृति में काफी एकरूपता : डीएम

मधुबनी: स्थानीय वाटिका होटल का सभागार में चतुर्भुज आशावादी की स्मृति में कवि गोष्ठी सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक द्वारा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि कहा कि मिथिला व नेपाल की कला संस्कृति व संबंध में काफी एकरुपता रही है। मिथिला के साथ-साथ नेपाल की कला को विकसित करने का और प्रयास किया जाएगा। कलाकारों का हरसंभव सुविधा बहाल की जाएगी। कलाकार के लिए भविष्य में टाउन हाल की सुविधा संभव किया जाएगा। अगले वर्ष से मिथिला महोत्सव में नेपाल के कलाकारों को अवसर दिया जाएगा। उन्होनें कहा कि मधुबनी कला की राजधानी मानी जाती रही है। यहां विभिन्न कलाओं के प्रसिद्ध कलाकारों की संख्या रही है। नवारम्भ के संयोजन तथा बीपी कोईराला नेपाल-भारत फाउंडेशन एवं भानु कला केन्द्र के सहयोग से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विख्यात नाटककार महेन्द्र मलंगिया ने चतुर्भुज आशावादी के साथ बिताए दिनों को याद करते हुए उन्हें महान संस्कृतिकर्मी बताया। भानु कला केन्द्र की अध्यक्षा माया पौड़ेल, प्रचण्ड पौड़ेल द्वारा भारत-नेपाल मैत्री की महत्ता पर प्रकाश डाला गया। मिथिलाचंल चैम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष नवीन जायसवाल ने भारत-नेपाल के बीच सदियों पुराने व्यापारिक सम्बन्ध को रेखांकित किया। नेपाल की कवियित्री विभा झा ने मैथिलों के परस्पर प्रेम को अनुकरणीय बताया। भारत विकास परिषद् के अध्यक्ष सुखदेव राउत ने इस तरह के आयोजन को समय की जरूरत बताया। नेपाल के प्रवीण नारायण चौधरी मिथिला के विकास पा बल दिया। कलाकार नवीन चौधरी ने भारत-नेपाल की कला, संस्कृति के विकास पर जोर दिया गया। कार्यक्रम के कवि सम्मेलन में रामेश्वर निशांत, सतीश साजन, मोहन यादव, उदय जायसवाल, दिलीप कुमार झा, कृष्णकांत मंडल, प्रणव नार्मदेय, रामबाबू ¨सह मैथिल, प्रशांत, दयाशंकर मिथिलांचली, बंसीधर मिश्र, मुन्नी मधु, गुफरान जिलानी, सुमित कुमार गुंजन, गोपाल अभिषेक, विनय विश्वबंधु, सुभाष सिनेही, अवधेश झा, गोपीकांत झा रमण आदि द्वारा कविताओं का पाठ किया गया। कार्यक्रम में हेमचंद्र झा, शैलेश झा, किसलय कृष्ण, सुभाष झा, शुभ कुमार वर्णवाल, उदय जायसवाल, रजनीश झा, आनंद मोहन झा, गोपाल झा, मैथिल प्रसाद, सदरे आलम सहित अन्य ने हिस्सा लिया। संचालन नवारम्भ के निदेशक अजित आ•ाद की। अतिथियों का स्वागत कथाकार ऋषि वशिष्ठ ने किया। नेपाल के कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति की गई।
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