-19 वीं शताब्दी में महाराज सर रामेश्वर सिंह द्वारा है निर्मित
-1934 के भूकंप में हुआ ध्वस्त
मधुबनी: जिले के राजनगर स्थित राज परिसर में स्थित प्रसिद्ध नौलखा मंदिर अस्मिता बचाने को जूझ रहा है। प्राचीनकाल से ही मधुबनी जिला राजा रजवाड़ों व गढ़ों का क्षेत्र रहा है। इसी के तहत राजनगर में 19 वीं शताब्दी के मध्य काल के बाद महाराजा सर रमेश्वर सिंह द्वारा विशाल राज परिसर का निर्माण कराया गया। उसी काल में नौ लाख रुपए में निर्मित नौलखा मंदिर 1934 के भूकंप में ध्वस्त हो गया वर्तमान में उद्धारक की बाट जोह रहा है। प्रथम भूकंप के बाद यह मंदिर जो वास्तव में महारानी के लिए फुर्सत के कुछ क्षण गुजारने के लिए बनाया गया था और इसके नीचे तल में महाराज दरबार लगाते थे को 1988 के भूकंप ने और भी ध्वस्त कर रख दिया। यह मंदिर वास्तु व शिल्पकला का बेहतरीन मिशाल है। जिसका संरक्षण आवश्यक है। अभी तक किसी ने इसके संरक्षण की दिशा में पहल नहीं की। जिस कारण अब इसके वजूद पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
महिला कालेज में पुरातत्व विभाग के प्राध्यापक उदय नारायण तिवारी ने कहा कि राजपैलेश स्थित यह मंदिर वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है। जिसका संरक्षण आवश्यक है। राज्य सरकार को चाहिए की मधुबनी की इस अनमोल धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में ठोस पहल करे, ताकि इसे बचाया जा सके।
ताजा अपडेट देखने के लिए लाइक करे मधुबनी न्यूज़ पेज को