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मौजूदा कॉलेजियम पर 5 जून को पटना में होगा हल्ला बोल दरवाजा खोल कार्यक्रम

नई दिल्ली: रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता माधव आंनद ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि मौजूदा कॉलेजियम पर 5 जून को पटना स्थित श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में हल्ला बोल दरवाजा खोल कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। क्योंकि हम और हमारी पार्टी सामाजिक न्याय के साथ खड़ी है। हम अपने समाज में जागरूकता लाना चाहते है। जिस प्रकार 20 मई को दिल्ली में हल्ला बोल दरवाजा खोल कार्यक्रम के तहत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम व्यवस्था में पारदर्शिता का अभाव को लेकर सामाजिक आंदोलन का शंखनाद किया गया। ठीक उसी प्रकार हर दल को दलगत भावना से ऊपर उठकर समाज के साथ खड़े होने की आवश्यकता है। यह कॉलेजियम भारतीय लोकतंत्र पर घातक है। उन्होंने उच्चतर न्यायपालिका में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दलित समुदाय के साथ साथ आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को भी अधिक प्रतिनिधित्व दिए जाने का सरकार व न्यायलयों से अपील किया है। उन्होंने उच्चतर न्यायपालिका में नियुक्तियां ‘अपारदर्शी’ और अलोकतांत्रिक तरीके से किए जाने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि एक दलित या अनुसूचित के लिए ही नहीं बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिए भी द्वार बंद है। यहां तक कि न्यायाधीश बनने के इच्छुक मेधावी छात्रों के लिए भी दरवाजे बंद है। हम चाहते है कि यह दरवाजे खुलें। उन्होंने कहा कि कॉलेजियम व्यवस्था में 'भाई-भतीजावाद' इस मुद्दे पर यहां एक अभियान शुरू करते हुए हम इस आंदोलन को हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व पुरे देश में ले जाएंगे। जिसका पहला शुरुआत 5 जून  को पटना से करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेजियम व्यवस्था के तहत लोग भाई - भतीजावाद में शामिल हैं और न्यायाधीश सिर्फ अपने ‘उत्तराधिकारियों’ को चुनने के लिए चिंतित है। उन्होंने कहा कि अगर एक चाय विक्रेता प्रधानमंत्री बन सकता है और एक मछुआरा समुदाय का बेटा देश का राष्ट्रपति बन सकता है तो क्यों कमजोर तबके को उसके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा मौजूदा स्वरूप में कॉलेजियम व्यवस्था भारतीय लोकतंत्र पर काला धब्बा है। इसलिए सभी दलों को मिलकर इसके विरुद्ध आवाज उठाने की आवश्यकता है। ताकि वंचितो को भी इसका अधिकार मिले। जिससे आमलोगों में भी कानून के प्रति विश्वास प्रबल होगा।
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